Friday, October 21, 2011

पिछडा कोल्लमपल्ली आज बदल चुका

पिछडा कोल्लमपल्ली आज बदल चुका


कुछ समय पूर्व तक आंध्र प्रदेश राज्य के पालमूर (मेहबूब नगर) जिले में के अनेक गॉंवों के समान सुस्त, पिछड़ा दिखनेवाले कोल्लमपल्ली गॉंव का स्वरूप आज बदल चुका है| गॉंव में शिक्षितों का अनुपात काफी बढ़ गया है, अनेक लोगों ने अपने छोटे-छोटे उद्योग शुरू किए है| यह परिवर्तन यहॉं १९९० में आरंभ किए गए ‘ग्रामीण विकास परिषद’ के उपक्रमों के कारण संभव हुआ है|
इस गॉंव की विशेषता यह है कि, यहॉं हर मुहल्ले में एक मंदिर है| इस कारण, इस छोटे गॉंव में ३० से अधिक
मंदिर है| इसके अलावा समीप कीपहाड़ी पर बंजारा समाज के आराध्य भगवान का भी मंदिर है|
यहॉं १९९० में ‘केशव शिशु मंदिर’ की स्थापना कर ग्रामीण विकास परिषद ने अपना काम का आरंभ किया| आर्थिक पिछड़े और पिछड़ी जाति-जनजाति के बच्चों को इसका सर्वाधिक लाभ हुआ; इन पिछड़े वर्गों के सैकड़ों बच्चे इस शाला में पढ़ते हैं| शाला के प्रांगण में फल और फूलों के अनेक पेड़-पौंधे लगाए गए है|
‘श्री विवेकानंद ग्रामीण पोडुपु संगम’ के नाम से परिषद ने आर्थिक क्षेत्र में काम आरंभ किया| इसमें, लोगों से प्रतिमाह २५, ५० या १०० रुपये एकत्र किए गए| इस जमा राशि में से, ग्रामीणों को छोटे रोजगार आरंभ करने के लिए आर्थिकसहायता देना आरंभ किया गया| अनेक लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया और रोजगार आरंभ किए| इसका अनुभव अच्छा रहा, करीब ९० प्रतिशत लोगों ने ऋण का भुगतान भी किया|
सर्वांगीण विकास के लिए सन् २००० में ‘आदित्य गॉंव विकास समिति’ स्थापन की गई| इसी वर्ष ‘आदित्य गॉंव भवन’ इस समाज मंदिर बनाया गया| इस भवन में विद्यार्थींयों के लिए रात्रकालीन अभ्यास केन्द्र चलाया जाता है; इस केन्द्र में नि:शुल्क ट्यूशन वर्ग चलाए जाते है| यहॉं लड़कियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और बुनाई प्रशिक्षण केन्द्र भी चलाया जाता है|
पिछड़े वर्ग की बस्ती में स्थित हनुमान मंदिर में विविध प्रशिक्षण वर्ग चलाए जाते है| हर सप्ताह इसी मंदिर में महिलाओं की बैठक आयोजित की जाती है|
गॉंव में के मंदिरों और रास्तों की नियमित सफाई की जाती है| केशव शिशु मंदिर में प्रति माह आयोजित बैठक में, विविध क्षेत्र में काम करनेवाले कार्यकर्ता अपने अनुभवों का आदान-प्रदान करते है, इस बैठक में गॉंव में चल रहे विविध कामों का ब्यौरा लिया जाता है|
इन सब कामों के अच्छे परिणाम दिखाई देने लगे है| गॉंव के बच्चों के व्यवहार में सुधार हुआ है, साक्षरता का प्रमाण ७५ प्रतिशत के उपर जा पहुँचा है, लोगों में सामाजिक सद्भाव बढ़ा है, युवक किसी ना किसी कार्य में व्यस्त रहते है, अनेक लोगों ने कुंकूम्, अगरबती, शॅम्पू निर्मिति उद्योग आरंभ किए है, महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह स्थापन कर रोजगार निर्मिति के क्षेत्र में कदम बढ़ाया है| कुछ वर्ष पूर्व का यह अविकसित गॉंव अब विकास के विविध क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है|
संपर्क
१. ग्रामीण विकास परिषद
कोल्लमपल्ली
तहसिल : नारायण पेट, जिला : पालामूर (मेहबूबनगर)
आन्ध्र प्रदेश, भारत
२. सेवा भारती
मकान नं. ३-२-१०६, निंबोली अड्डा,
हैदराबाद, ५०००२७
आन्ध्र प्रदेश, भारत
मोबाईल नं. : +९१ ९७०१२२६८३०
कैसे पहुँचे
कोल्लमपल्ली यह गॉंव मेहबूबनगर (पालामूर) से करीब ७४ कि.मी. दूर है| मेहबूबनगर-नारायणपेट मार्ग पर ३ कि.मी. अंदर है|
हवाई मार्ग : मेहबूबनगर से समीमतम हवाई अड्डा हैदराबाद का राजीव गांधी आंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो ८४ कि. मी. दूरीपर है| नारायणपेट रोड से हैदराबाद का राजीव गांधी हवाई अड्डा १५० कि.मी. दूरीपर है|
रेलमार्ग : मेहबूबनगर यह रेल्वे स्टेशन चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, बंगलोर, हैदराबाद शहरों से रेलमार्ग से जुडा है| नारायणपेट रोड रेल्वे स्टेशन मुंबई-चेन्नई रेलमार्ग पर है|
सडक मार्ग : मेहबूबनगर जाने के लिए  चेन्नई, बंगलोर, हैदराबाद, रायचूर से सरकारी बस सेवाएँ उपलब्ध है|

Source : http://hindi.ibtl.in/news/sewa-bharti/1485/article.ibtl

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